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आखिर क्यों ? यह पुस्तक हिंदी में है, इसे आँचल शर्मा ने लिखा है । यह पुस्तक लेखिका के मन में चल रहे सवालों के उत्तर ढूँढने का प्रयास कर रही है । वक्त सबसे कीमती पूंजी है । वक्त के साथ - साथ भावनाएँ चलती रहती है । वक्त अच्छा और बुरा सभी का आता है । फ़र्क बस इतना है कि अच्छा वक्त जल्दी बीत जाता है और बुरा वक्त
धीरे-धीरे बीतता है । समय के साथ - साथ हम भी देखा देखी में चल पड़े हैं । भारतीय संस्कृति छोड़ पाश्चात्य संस्कृति अपना रहे हैं । खान - पान से लेकर पहनावे तक सब विदेशी होता जा रहा है । समय के साथ - साथ लेखिका ने भी अपने शब्दों को माला के रूप में पिरो दिया है । अपने जीवन में घट रही घटनाओं का वर्णन लेखिका ने इस पुस्तक में किया है । कुछ एक कहानियों का उल्लेख भी इस पुस्तक में किया गया है, इन कहानियों के
माध्यम से जीवन का सार समझाने का प्रयास किया गया है । व्यक्ति के जीवन में उम्मीद ही तो है जो उसे टूटने नहीं देती । उम्मीद लगाया हुआ व्यक्ति जीवन की हर बाधाओं को पार करने की हिम्मत रखता है । सब वक्त वक्त की बात है, कभी वो वक्त था, कभी ये वक्त है, कभी वो वक्त होगा । वक्त के साथ - साथ नये रंग नए ढंग होंगे । समय के साथ – साथ लोगों के देखने, सोचने के नज़रिया में बदलाव आना स्वाभिक है ।औरत की अपनी अलग ही दुनिया होती है । जिसमें वह खुद के विचारों के साथ बात करती रहती है । आखिर क्यों ? पुस्तक में औरत का अपने अंतर्मन में चल रहे विचारों के बारे में लिखा गया है । किस तरह एक औरत बाहरी दुनिया से दूर अपने परिवार को संजोये रखती है । औरत के मन में अपने विचारों का अलग ताना बाना चला रहता है । इन तानो बानो से जो सवाल मन में उठते हैं उन्हीं का वर्णन आखिर क्यों ? है ।

Aakhir Kyun (आखिर क्यों)

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